स्व०तस्लीमुद्दीन की विधवा अख़्तरी बेगम ने दोनों भाइयों से आपसी सुलह की कर दी अपील
“माय के दिल गाय सन–पूत के दिल कसाई सन” वाली पुरानी कहाबत हो सकती है चरितार्थ

सीमांचल ( अशोक/विशाल )।
” माय के दिल गाय ऐशन–पूत के दिल कसाई जैशन ” , बड़े बुजुर्गों के द्वारा कही गई यह कहाबत फिलबक्त जोकीहाट में घटी पिछली रात की घटना के आलोक में तब विल्कुल सटीक बैठती नजर आयी ,
जब चुनावी शिकस्ती से बौखलाये बड़े पूर्व सांसद पुत्र सरफराज़ के हमले से आहत माँ व स्वर्गीय तस्लीमुद्दीन की जहिफ़ विधवा अख़्तरी बेगम ने अपने छोटे पुत्र विधायक शाहनवाज को सलाह दी कि वह अपने बड़े भाई सरफराज़ की गलती को मांफ करते हुए दोनों भाई गले मिल लें।
अपनी इस सलाह को मीडिया के द्वारा व्यक्त करते हुए परिवार की बहुमूल्य धरोहर माँ अख़्तरी बेगम ने बारम्बार इस बात को दोहराया कि बड़े भाई के रूप में सरफराज़ को वैसी गलती कभी नहीं करनी चाहिए थी
और वैसी गलती अगर छोटे भाई के द्वारा होती तो वह भी बचकानी कह दी जा सकती थी लेकिन , उन्हें बहुत दुःख हुआ कि बड़े भाई की बड़प्पन मर्यादा को भुलाकर सरफराज़ ने छोटे भाई को लगातार प्रताड़ित करने का काम किया।
माँ ने इन सभी बातों को फिलबक्त भुलाकर दोनो भाइयों में मेल मिलाप की जरूरत महसूसते हुए शाहनवाज को हिदायत दी है कि वह बड़े भाई की गलतियों को दिल से निकाल दें।